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28-28 महीनों के सत्ता सम्भाॅलने के चक्क्र में जनता परेषान।

झारखण्ड राज्य के इस 28-28 महीनों के सत्ता सम्भाल कुर्सी के किचकिच के चलते सारी जनता ही त्राहीमाम् कर रही है। जनता के आवष्यक कार्य , परेषानी, कश्टों के निवारण की चिन्ता किसी को नहीं है। चिंता है सिर्फ अपनी – अपनी कुर्सी की। लेकिन सरकार को पहले सारे जनताओं की चिंता करनी चाहीए, बाद में अपनी कुर्सी की। जब जनता ही साषन प्रसाषन के दिखावे की रवैय से कुपित हो जाएगी, तो न उस कुर्सी पर दोबारा बैठ पायंगें और नही जनताओं से आपकी तालमेल बैठ पाएगी। इधर झारखण्ड की सारी जनता अपनी आपा खोती जा रही है और उपर से डीजल, पेट्ोल , गैस , कोयले तथा हर तरह की खाद्यय वस्तु तथा रोजमररे वस्तुओं की कीमतों में बेतहासा तेजी होने की सम्भावना ही नहीं ब्लकी कारण स्पश्ट करते हुए वृद्धि करने का संकेत देना ही जनताओं को खिलौना समझाने के बराबर है। अभी तत्काल सरकार को जनताओं के हितों के बारे में सोचते हुए प्रत्येक आवष्यक वस्तुओं पर ऐसा उपाय करना चाहिए, ताकि मॅंहगाई की मार जनताओं पर न पडे। आवयकतानुसार दाम बढाई भी जाए तो उसका असर जनताओं पर नाम मात्र भी पडे। ऐसा ही सोचना सरकार के लिए हितकर होगा। अब देखिए सरकारी राषन कार्ड को ही ले लें सरकार के कथनानुसार 15.08.2012 ( पन्द्रह अगस्त के उपल्पक्ष पर ) को ही राषन कार्ड वितरण करने की व्यवस्था की जा रही थी,