अंक- १०५४ Page-२

योगपीठ के जानकारों के अनुसार यह पत्थर परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ही उसे आश्रम में लाये थे। जिसे देखे बिना लोग रह नहीं पा रहे हैं। यह आश्रम में समय-समय पर अदभुत चीजों को दर्शाया जाता है। यह तीन अक्षरों का शब्द भारत हर तरह से भिन्न है। भा से भष्कर (सूर्य) जो अपने प्रकाश के किरणों से सारे दुष्ट स्वभाव वाले सभी लोगों का नाश करनेवाला एवं अच्छों का उद्यार करने वाला है। र से रण वीर की जननी, यहॉं पर ऐसे -ऐसे महान योद्धा जैसे सरदार भगत सिंह, चंद्रशे,ार आजाद एवं सुकदेव जी तथा नेता सुभाष चंन्द्र बोस, स्वार्थ से परे देश के लाल डा0 राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादूर शस्त्री जैसे सत्तावीर ( जनताओं को अपने गुणों से जितने की शक्ति रखने वाले ) की धरती है, तथा त से तकनिकी ज्ञान में भी सबसे आगे है। हमारा अपना पूर्ण भारत भी किसी से कम नहीं है। यह देश ऐसे – ऐसे अजुबों से भरा पडा है, कि यहॉं विदेशी लोग भी आकर अॅंग्रेजी भूलकर नमो नारायण की जाप करना शुरु कर देते है। और तो और अपनों का अभिनंदन भी नमो नारायण कहकर ही करते हैं। हमारा भारत ही सबसे महान है।