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धुम-धाम से मनी दूर्गा पूजा शांतिपूर्ण प्रिमाओं का विसर्जन-
दूमका मे श्रद्धा और भक्ति का पर्व दूर्गा पूजा जिले मे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। इन दस दिनों तक चलने वाला त्योहार में यहॉ। का वातावरण शारदीय नवरात्र के रंग में डंबा रहा। इस दौरान लोगों ने शक्ति की आराध्ना देवी दूर्गा के नौ रूपों की पूजा की। भक्तों का मानना है कि नौ दिनों के पूजा अनुष्ठान से नौ ग्रहों अनुकुल फल देने मे समर्थ हो जाते हैं। उप राजधानी दूमका में कर्इ स्थानों पर पूजा का आयोजन किया गया। सार्वजनिक पूजा समितियों द्वारा भव्य पंडालों का निर्माण कर प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। अरूटमी के दिन से ही दूर्गा मंदिरों और पूजा मंडपों में श्रद्धालुओं की भीड अष्टमी से दशमी तक जारी रहा। इस अवसर पर लोगों ने मेला का भी आंद उठाया। इस बार उपराजधानी में दूर्गा यज्ञ मैदान धर्म स्थान, बाबु पाडा, शिव पहाड, कुम्हार पाडा, पागल बाबा मंदिर भेजपूरीसंघ सहित अन्य पूजा मंडपों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा। इन पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड रही। इसके साथ ही दूमका शहर से सटे दूधानी, लखीपाडा, कुन्दवा, बन्दरजोरी, घघकिया आदि स्थानों पर भी दूर्गा पूजा का आयोजन किया गया साथ ही दूमका शहर मे मॉं दूर्गा की प्रतिमाओं का विर्सजन शुरू हो गया है। खुटा बांध और बडा पोखर में मां दूर्गा की प्रतिमाओं का विर्सजन किया गया। इस मौके पर शांति व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलीसबल तैनात किये गए थे। साथ ही दूर्गा पूजा के एकादशी के दिन यज्ञ मैदान पूजा समिति द्वारा हर साल की भांति घडा उतर स्पर्धा का आयोजन किया गया था। जिसमें अनेक गॉंवों के अीमों ने भाग लिया और कोशीश भी रही। अंत में तुलुबुना के छीम ने घडा को उतारा। विजेता को नगद 2100 रू0 साुन, गंजी, खैनी एवं बिस्कुट आदि देकर सम्मानित किया। भाग लेनेवाले कुल 11 छीमों को भी नगद 1100 रू0 देकर सम्मानित किया गया।