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02पिछला सरकार ने इन विमानों को खरीदने के लिए जो सिलसिला षुरू किया था, वह अभी भी कायम है। यह कहना कठिन है कि यह सिलसिला कब जाकर थमेगा और विमान सौदे को अंतिम रूप दिया जा सकेगा, लेकिन यह सुखद है कि भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए भारतीय प्रधानमंत्राी ने सीधे फ्रांस सरकार से 36 राफेल लकाकू विमान खरीदने का फैसला किया। माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद दो साल के अन्दर ही भारत को ये लडाकू विमान मिल जायेगे। लकाकू बेडे में षामिल तमाम विमान पुराने पड़ चुके  और कुछ तो ऐसे भी है जिनकी इस्तेमाल की अवधि पुरी होने के करीब है। उम्मीद की जानी चाहिए कि राफेल विमान खरीद के इस सौदे के साथ ही कुछ पुराने सौदो को भी गति मिलेगी। चूंकि इन विमानों को कम्पनी अपनी विमानों का निर्माण भारत में  करने का फैसला लिया गया है। वैसे भी एक अन्य विमान कम्पनी एयरबस तो इस कंपनियां भी मेक इन इंडिया अभियान में षामिल होने जा रही है। यह अजीब बात है कि रक्षा जरूरतों को पूरा करने की काम में भी अधिक देरी होती है तो अच्छा यह होगा कि फ्रांस के साथ जो समझौते हुए उन पर अमल की प्रक्रिया को गति देने की भी कोई व्यवस्था बनायी जाए, ऐसा इसलिए क्योंकि विभिन्न देषों से जो समझौते होते है वे कई बार कार्यरूप में परणीत होने में वर्षो का समय ले लेते है।