अंक- ११६९ पेज २

02आँखों देखा हाल ए जुबान –  दुमका कोर्ट परिसर में एक गरीब परिवार का हाल जुवान आते नही रूकती। सरकारी दफ्तर के बरमादे में एक किल्लत भी जिंदगी जी रहे है। इस कोर्ट परिसर में कम-से-कम हजारों लोग गुजरते है, फिर भी इस परिवार की ओर किस की नजर नहीं गयी। एक सुबह जब उस परिवार को ओर देखा तो एक बच्चा कोर्ट परिसर के बरामदे मे भूख से जोर-जोर से रो रहा था और उसकी मां उसके लिए बरमादे के बहार खाने के लिए कुछ बना रही थी और तीन-चार बच्चे इधर-उधर भटक रहा था। उस परिवार को एक अपना छत नसीब नहीं है, ऐसा है, हमारा झारखण्ड सरकार। ऐसा कई दृष्य हैं जो हमारे आत्मा झंझोर कर रख देती है। गरीब और असाध्य लोगों के लिए सरकार सारी सुविधा बंद कर रख दी है। झारखण्ड राज्य सुविधा हर किसी मिलने के वादा करने वाले राज्य सरकार सिर्फ लाल कार्ड और पीला कार्ड को ही गरीब का तजी यहां दे रहे है। जबकि यह कार्ड उन लोगों की उपलब्ध है जिसके पास पहले से ही खाने का आंबार लगा हुआ है। इस पहेली को सरकार कभी मिटा न सकेगी,क्योंकि यहां सिर्फ भ्रस्ट सिस्टम द्वारा ही राज्य का विकास करने में सरकार अड़ा है। अगर जल्द ही सरकार अपनी जिम्मेदारी को नही समझी तो यू राज्य में भ्रस्ट का मातम मचता रहेगा।