इस नषे में युवा वर्ग के लोग ज्यादे-से-ज्यादे शामिल हो रहे है। आखिर नषा के बारे में सरकार की आँखें क्यों नही टिकती है। आज शहर के भीड़-भाड़़ इलाकों में नषा के बिक्री बेहिजक कि जा रही है। कही देषी शराब तो कहीं अग्रेंजी शराब, तो कही मांग कही गांजा की बिक्री जोरों-शोरों से हो रही है। इन्ही की दल-दल में युवा वर्ग के व्यक्ति गलत रास्ते में निकल पड़ते हैं।
नषे पर प्रतिबंध (रोक)
दुमका, दीन-दलित ब्योरो:- एक तरफ नारी शक्ति प्रयोग कर नारीजन शराब के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे एक तरफ सरकार शराब बिक्री के लिए लाईसेन्स उपलब्ध कराते जा रहे हैं। आखिर कब तक नारी शक्ति प्रयोग कर नषे पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। जब तक जड़ से ही इस मुद्दा को हटाया नहीं जाएगा तब तक पत्ते तो उगते ही रहगे। जब तक इस गम्भीर विषय में सरकार गम्भीर कदम नहीं उठायेगी तब तक कई घर उजड़ते रहेगें। हम चाह कर भी इस गम्भीर समस्या से छुटकारा नहीं पा सकेंगे एक तरफ घरों में देषी शराब बनकर तैयार होती है। एक तरफ दवा को भी नषा में तब्दील कर रहे है।
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– Posted on March 4, 2015Posted in: पिछला संस्करण