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02शौचालय बनवाने का जिद पर अड़े है एक तरफ इसका उल्टा ही परिणाम सामने आ रहे हैं। गाँव भर के लोग खुले में शौच करने में मजबूर है। खास कर के गाँव की महिलाओं शौच के लिए सोचनी पड़ती है, क्योंकि गांव की महिलाओं को शौच के लिए अंधेरा होने की इन्तजार में रहते हैं। इससे महिलाओं को काफी परेषानी एवं शर्मदंगी उठानी पड़ती है। आज जहाँ पूरे देष में स्वच्छता अभियान के तहत् शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। लोगों को शौचालय उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस विषय में अभी तक किसी गांव में शौचालय निर्माण पदाधिकारियों का आवगमन नजर नहीं आ रही है।
सरकार की योजनाएँ:-
दुमका, दीन-दलित ब्योरो:- सरकार द्वारा चलाये गये योजनाओं को किसी भी गाँव की पंचायत में पूरी तरह नहीं पहुँच पा रही है। सरकार की योजनाएँ सरकार तक ही सीमित रह जाती है। इस वजह से पंचायत में सरकार की योजनाओं के विस्तार से बताने वाला कोई नहीं है। भोले-भाले जनता को क्या खबर कि कौन-सी योजनाएँ कहाँ तक सीमित है सरकार पहले पंचायतों की स्थिति को सुधारें और तब जाके योजनाएँ शामिल करें।