दुमका संपादक के कलामों से अहिंसा के राह पर चलने वाला गौरीषंकर अब चंद दिनों का मेहमान है भारी रोज-रोग से थे असमर्थ हो चुका है, मंगलवार को जब रजक डी.सी. हर्ष मंगला से मिले। उन्होंने चा मीडिया के सामने कहा चिकित्सा प्रमाण पत्रा दिखाए, जबकि मैं बीमार शरीर लेकर प्रस्तुत हूँ उन्होंने इसे अब देखा कर टाल दिया लगे शनिवार को सत्य चिकित्सा प्रमाण पत्रा दिखाया तो उन्होंने असत्य बताया और वापस लौटा दिया ऐसा क्योंकि उसी क्षण डाक्टर से रजक का शरीर का जांच क्यों नहीं किया। ऐसा लगता है मुझे राँची व दिल्ल्ी से डाक्टरी प्रमाण पत्रा, महामहिम राष्ट्रपति तथा राँची महामहिम राज्यपाल द्वारा प्राप्त करने के उपरांत मुझे चिकित्सा सहायता प्राप्त होगा इतने समय में गौरीषंकर अंिहंसा के मांग पर ही कांटों का तान पहने दुनिया से चल बसेगें। उनका मसे का इल्जाम दुमका के वरिष्ठ प्रषासको पर होगा। इस अखबार को, झारखण्ड, भारत, के महानगरों के मीडिया तक पहुँचाया जायेगी।
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– Posted on February 12, 2015Posted in: पिछला संस्करण