मजबूर में खुले आम पैसों का ही करोबार हो रहा है वह भी जनता से फ़िजूल पैसे कर्मचारी ऐंठते है| अगर देखा जाए तो उस ब्लॉक में पैसे के बिना कोई कार्य सम्भव नही है अगर किसी व्यक्ति के पास पैसे नही है तो कोई भी कागज पर हस्ताक्षर होना असंभव है
अंक- ११६३ पेज २
– Posted on February 12, 2015Posted in: पिछला संस्करण