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0502 अक्टूबर एवं दील दलित हस्तलिखित समाचार पत्रा का 26 वाँ वर्षगांठ के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बाधाईयाँ:-
दुमका, दील दलित :- दील दलित हस्तलिखित समाचार पत्रा के पूर्व प्रधान सम्पादक स्वõ श्री गौरी शंकर रजक जी ने आज ही के दिन 02 अक्टूबर 1986 से पूर्व प्रधान सम्पादक जी ने 02 अक्टूबर निकालना शुभारम्भ किया, क्योंकि वे खुद हिंसा के खिलाफ थे, उन्होंने सारा जीवन गांधी जी के बताये रास्ते में चला था। और अंतिम सांस तक वे उन्हीं के रास्ते में चला था। और अंतिम सांस तक वे उन्हीं के रास्ते में ही दम तोड़ा। उन्होंने सारा जीवन दूसरे के लिए ही अर्पण कर दिया। गांधी जी बताये मार्ग पर चलने वाला पूर्व प्रधान सम्पादक स्वõ गौरी शंकर रजक जी की प्रषासन ने एक न सुनी, पूर्व प्रधान सम्पादक जी किये वादे शायद प्रषासन भूल चुका है। तभी तो पूर्व प्रधान सम्पादक जी के परिवार आज भी आषा भरी जीवन गुजार रहा है। 02 अक्टूबर को दीन दलित के पूर्व प्रधान सम्पादक जी ने पहले आन्दोलन नामक पत्रिका निकालना शुरू किया था बाद में दीन दलित शीर्षक दिया गया और अब तक दीन दलित के सदस्यगण 02 अक्टूबर के दिन को ज्यादा महत्व देते है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने घृणा पर प्रेम से हिंसा पर अहिंसा से, विध्वंस पर सृजन से विजय प्राप्त करने का संदेष हमें दिया है। लेकिन हमारा समाज आज इन चीजों का प्रयोग करना शायद कहीं छोड़ आया है इसलिए आज हमारे समाज हिंसा से पीडि़त है।