अंक- १११४ पेज २

02लोकतंत्रा का महत्वपूर्ण अंग बताने का  चलन इतना बढ़ गया है कि अब संसद में चाकू और मिर्च स्प्रे की घटनाओं के बाद सांसदों के किसी भी अंतिवादी व्यवहार की कल्पना करना असंभव नहीं है। सांसद जो चाहे सरकार समर्थन करते है या धुर विरोध में है, बैनर पर्चिया फाड़ना, नारेबाजी करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा मान बैठे है। लोकसभी में एक सांसद द्वारा खतरनाक स्पे्र करने की घटना के बाद अब सांसदी की सुरक्षा जांच को लेकर नए सिरे से बहस षरू होगी। सांसद में प्रवेष के लिए लोगों को जहाँ चार चरणों की सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है, वहीं सांसद को यह विषेषाधिकार है कि वे बिना सुरक्षा जांच में अंदर जा सकते है तथा कुछ भी ले जा सकते है उन्ही का इनलोगों ने गलत फयदा उठाने की कोषिष भी की है। इस घटना के कारण लोगों को मजबुर सदन से बहार आने पड़ा क्यांेकि सदन के अंदर सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ा। इस घटना को सरकार अनदेख न करें तो ठीक है वरना आगे इसे भी बड़ी घटना घट सकती है। सम्पदाक दीन-दलित पत्रा