अंक- १०७८ Page-८

इधर इन्फयूलेंजा बिमारी के चलते हमारे संगठन के जितने भी कार्यकत्र्तागण बुखार सर दर्द एवं शरीर दर्द के कारण सप्ताह भर से खाट पकड़े हुए हैं जिसके चलते हमें और भी परेषानी हो गयी है। मैं दिनांक 23.11.2012 (स्वõ गौरी शंकर रजक) से ही रजक जी मृत्यु के बाद से ही मैं ही खुद अपने हाथों से लगातार समाचार पत्रा लिखते आ रहा हूँ जब कि मैं 2001 जनवरी से पहले से ही स्वõ रजक जी के साथ सहभागिता निभाते आ रहा हूँ जसकी सबूत मैं सूचना एवं प्रसारण पदाधिकारी के यहा नाम अंकित (कार्यालय में) करने हेतु आवेदन के एक माह पूर्व दिया हूँ एवं स्वõ रजक जी के जिवीत आपके काय अवस्था में भी मैंने कोर्ट द्वारा शफत पत्रा पहले भी कई बार दे चुका हूँ, लेकिन आज तक मेरा नार्म ालय में अंकित नहीं किया गया। पता नहीं कि इसका क्या कारण हो सकता है, यह तो भगवान ही जाने।
इन्सान का सही मतलब क्या होता है:- दीन-दलित ब्यूरो:- इन्सान तो सभी हैं इस भूमि पर इन्सान (मनुष्य योनी) की जोनी बहुत ही भाग्यषाली लोगों को मिल पाता है। इन्सान का सही मतलब है, इसे इन्सान सा से मदिरा मतलब इसका उपयोग उतना मत करो कि अति हो जाय जिससे सेन्सलेस होने सा हार्ट फेल का शारिरिक खतरा बढ़ जाय। न से नाष मतलब तुम्हें मनुष्य जोनी (योनी) इसलिए दी गई है, कि तुम इस संसार में कभी भी कोई भी गलत कार्य मत करों, जिससे दूसरे इन्सान को कष्ट पहुँचे। क्यों कि तुम्हें भी मृत्यु अवष्य ही प्राप्त होगी। अच्छा करोगे अच्छी दिन एवं अच्छी मृत्यु एवं बुरा करोगे तो सीधा नरक नषीब होगी।