अंक- १०७६ Page-६

क्यों कि जब खिलौने रूप नोट के रूप उनकी सच्ची तस्वीर के साथ बाजार में जगह – 2 बिकती हुई नजर आ रही है और आज भी हर जगह खुलायाम बिक रही है। महात्मा गाँधी के आदर्ष चरित्रा एवं देष को स्वतंत्राता दिलाने में उनका सबसे बड़ा त्याग है, जिसे और भी महान हस्ती के हिन्दुस्तान के प्रत्येक नोटों में छपी रहती है, और उनकी सच्ची तस्वीर पर ही असली और नकली की पहचान होती है, उनके स्थान पर उनकी छवि रूपी नोट (नकली) को बाजार में बेचकर एक रोजगार के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह बहुत ही बेइज्जती वाली बात है, आज राष्ट्रपिता बापू को बाजार में एक धंधे (व्यवसाय) के रूप में उनकी तस्वीर को रोजगार किया जा रहा है। मैं पूरे प्रषासन से निवेदन करना चाहता हूँ, कि इस तरह के (गाँधी जी छपी तस्वीर वाली) जितने भी नोट जिस भी प्रेस से छपकर बाजार में बिकती है, उसे यथा षिघ्र बंद कराया जाय ताकि राष्ट्रपिता बापू के षाख की अहमियत इतनी कम न आँकि जाय ताकि पूरे हिन्दुस्तान की इज्जत के उपर ठेस न पहुँचे।