अंक- १०७६ Page-८

संबंधित प्रखण्ड के वरीय प्रभारी पदाधिकारी षिविर में उपस्थित रहकर योजना के क्रियान्वयन का अनुश्रवण एवं समन्वय स्थापित करेंगे। षिविर के समाप्ती के उपरान्त प्रतिवेदन उपायुक्त, दुमका को सौंपेगे।
नगर पर्षद अध्यक्ष महोदया की अति मनमानी:-
दीन दलित ब्यूरो (डायनामाईट):- मैं मंगलवार दिनांक 21.05.2013 को एक समाजिक कार्यकत्र्ता के साथ जिनका नाम कमलदीप षर्मा, पिता – स्वõ अमुल चंद्र षर्मा, टीन बाजार, दुमका के साथ अध्यक्ष महोदया अमिता रक्षित जी से उनके आवासीय कार्यालय के मिलने के समय में 6 पीõ एमõ में गया था, लेकिन उनके व्यक्ति ने हमलोगों को इंतजार किजिए मैडम आ रही है, क्योंकि मैडम तैयार हो रही थी। हमलोग लगभग 40 (चालीस) मिनट तक बैठा रहा, लेकिन मैंडम की उपस्थिति नहीं हुई और हमलोग निरास होंगर लौट आया। लगभग 7 बजे संध्या एक नुक्कड़ सभी आयोजन स्ािानीय टीन बाजार में छात्रा युवा मोर्चा के तरफ से हो रही थी। अचानक मुझे छात्रा युवा मोर्चा के तरफ से कुछ भाषण करने का ओफर मिला में झठ से तैयार हो गया और जो अध्यक्षा से न मिलने के कारण जो हमलोगों का क्रोध आया था, उसे छात्रा युवा मोर्चा के भाषण में कह डाला। अब यह हाल जब अध्यक्षा का रहेगा, तो वार्ड पार्षद के लोग जनहित के कार्य कैसे कर पायेंगे। जब अध्यक्षा के तैयार होने में इतना समय लग सकता है, तो वार्ड पार्षद के लोग जनहित के कार्य कैसे कर पायेंगे। कहाँ गयी अध्यक्षा महोदया की भविष्य के कार्य करने के वादे। सब धरी की धरी रह गयी। क्यो कि कुर्सी जो उन्हें मिल गई है। अध्यक्षा महोदया की यह गलत फहमी है, जब जनता कुर्सी दे सकती है, तो वह चाहे तो कुर्सी की पौउआ तक हिला भी सकती है। अध्यक्षता से मैं निवेदन करना चाहता हूँ, कि समाजिक कार्यकत्र्ता से ऐसा दुर व्यवहार दुबारा न करें ताकि समाजिक कार्यकत्र्ता को समाज के कार्यो के बारे में बिना विचार किए ही लौटना पड़े। कार्यकत्र्ता समाज के भालाई के लिए होते हैं।