अंक- १०७४ Page-६

कुदरत का करिषमा या दंड (सजा):

दीन-दलित ब्यूरो
दुमका रसिकपुर मुहल्ले की पुष्पक बस से हज करने हेतु दाता अजमेर षरीफ के लिए बस को यात्राीगण बुक करवाकर जा रहे थेे। लेकिन जब गाड़ी बेगुसरायके पास पहुँची तो अचानक एक मोटर साइकिल सवार गाड़ी के पास आ गया और इस अचानक मोटर साइकिल सवार को सामने देखकर पुष्पक बस के ड्राइवर महोदय की दिमागी स्थित काम करने जैसा नहीं रहा और उस स्थिति में भी ड्राइवर महोदय उस मोटर साइकिल सवार व्यक्ति को बचाने की भरपूर कोषिष किए, लेकिन जा होना है, वह होकर ही रहता है मतलब बस से मोटर साइकिल सवार को ठोकर लग गई, जिससे मोटर साइकिल सवार उछल कर फेका गया और मोटर साइकिल बस में फंस गई। इस अचानक दुर्घटना को देखकर बस ड्राईवर की स्थिति एकदम मरणासन्न जैसी हो गई।