कैसी खुषी मिलेगी उस समय जनताओं को, कि मजा आ जायगा। मजा क्यूँ नहीं आएगा जनताओं को, जो झारखण्ड के जनताओं को बेवकुफ बना – बनाकर एक तरह से अजीवन सजा देकर, गरीब बनाने एवं असहाय बने रहने का एवं ठण्च्ण्स् का मुकुट पहना दिया गया था, कम-से-कम झारखण्ड की जनताओं को इन सब सजाओं (बिना जुर्म के) से छुटकारा जीवनोपरान्त मिला। अपनी (जनताओं) जमीन में जब बिजली की उत्पादन होगी एवं उधोगिक विकासों में तेजी आऐगी और इन सभी विकासों से आम आदमी को भी फैयदा पहुँचेगा। राष्ट्रपति महोदय ने दुमका के सिदो-कान्हू मुर्मू विष्वविद्यालय के चैथे दीक्षान्त समारोह में षिरकत किये एवं उनके साथ आए राज्यपाल महोदय ने 3 संकाय के 6 छात्रों को पी.एच.डी. और डी. लिट की उपाधि से सम्मानित किये, जिससे उन सम्मानित सभी को एक बहुत ही भाग्यषाली (देष में) होने का गौरव प्राप्त हुआ एवं उन छात्रों को षिक्षा के क्षेत्रा में सबसे ऊँची मंजिल तक पहुँचने तक का एक उत्साही गारंटी प्रमाण पत्रा भी मिला। इसके बाद राज्यपाल के साथ आए उन्हीं के सलाहकार एक मधुकर गुप्ता एवं दुसरे के. विजय कुमार, मुख्य सचिव, गृह सचिव एवं कैबिनेट सचिव भी दीक्षान्त समारोह में षिरकत किये। राष्ट्रपति महोदय ने देवघर में बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना किये एवं वहाँ के श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु क्यूँ कोम्प्लेक्स एवं देवघर से बासकीनाथ धाम तक स्ट्रीट लाईट प्रोजेक्ट की भी आधारषिला रखी। जब राष्ट्रपति बनने के प्रथम षुरूआती दौर में ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने बाबा के दोंनो दरवाजों को बिजली की जगमगाती रोषनी से (सोलर स्ट्रीट लाईट के आधारषिला रख कर) चकाचक कर देनें के लिए आधारषिला रखकर, वे दोंनो बाबा के दरवाजों के आषिर्वादों से पहले भक्त के रूप में राष्ट्रपति के पद पर आषिन होने पर भी पुरी दुनियाँ में इनका नाम सदा ही उदयमान रहेगें।