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इनके राष्ट्रपति बनने से पूरे भारत देष की धरती पर फिर रामराज्य स्थापित होगी। यह भारत के पूर्ण जनताओं का विष्वास ही नहीं बल्कि पत्थर की लक्कीर साबित होगी। उनके आने से इन सभी महान हस्तियों की नाम जैसे सिदो-कान्हू मुर्मू जी की एवं भारत के महान नेता के रूप में डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की यादें ताजा हो गयी है। या सीधे रूप में उनलोगों (महान हस्थियों) के महान गुणों का फिर से पुनर जन्म हो गया है।

कान्हू मुर्मू विष्वविद्यालय के कर्मचारियों की ”भूख हड़ताल“

दीन-दलित ब्यूरो (रवि षंकर गुप्ता ”डायनामाईट“):- दुमका के सिदो-कान्हू मुर्मू विष्वविद्यालय के षिक्षकेतर कर्मचारियों की भूख हड़ताल दिनांक 19 फरवरी 2013 से अनिष्चित समय तक के लिए की गई है। भूख हड़ताली षिक्षकेतर कर्मचारियों के रूप में प्रत्येक दिन 10 कर्मचारी विष्वविद्यालय में दिन भर परिसर में भूखे बैठते हैं। कर्मचारियों के रूप में (1) प्रह्लाद प्रसाद सिंह (2) राज किषोर कुमार (3) संतलाल यादव (4) मास्टर मुर्मू (5) अरूण कुमार लायक (6) षंातिलता किस्कू (7) एमेली सोरेन (8) अमरेन्द्र प्रसाद (9) ओम प्रकाष साह (10) अरबिन्द मिश्र षनिवार को सिदो-कान्हू मुर्मू विष्वविद्यालय के परिसर पर दिन भर भूख हड़ताल पर रहे। इसी तरह, षुक्रवार को भी (1) परिमल कुन्दन (2) प्रदीप कुमार पंडित (3)नेतलाल मिर्धा (4) सुनील मुर्मू (5) अर्जुन राम (6) कुमार जयन्त (7) प्रमनाथ झा (8) अषोक कुमार जायसवाल (9) अनुप हरि (10) विषेष्वर साह भूख हड़ताल पर थे। सभी कर्मचारियों की माँग यह है, कि जब तक 11 सूत्राी माँगे पूरी नहीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। वे लोग दिनांक 29 अप्रैल राष्ट्रपति महोदय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में षामिल होने के दिन सिकामु वि. वि. मुख्यालय में संताल परगना समेत पुरे राज्य (झारखण्ड) के षिक्षकेतर कर्मचारी अपने-अपने पत्नी और बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे और राष्ट्रपति महोदय के नाम त्राहिमाम ज्ञापन भेजेंगे।